जब बात सुरक्षित निवेश की आती है, तो ज़्यादातर लोग दो विकल्पों को लेकर उलझन में पड़ जाते हैं – FD (Fixed Deposit) और RD (Recurring Deposit)।
दोनों योजनाएं बैंक या वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाती हैं और इनमें गारंटीड रिटर्न मिलता है। लेकिन इनमें कुछ अहम अंतर भी होते हैं जो निवेश के निर्णय को प्रभावित करते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे:
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RD और FD क्या होते हैं
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दोनों में क्या अंतर है
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और आपके लिए कौन-सा बेहतर विकल्प है
FD (Fixed Deposit) क्या होता है?
FD यानी Fixed Deposit एक ऐसा निवेश है जिसमें आप एकमुश्त राशि (एक बार में) जमा करते हैं, और उस पर तय ब्याज दर के साथ आपको मैच्योरिटी पर पैसा मिलता है।
मुख्य विशेषताएं:
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एक बार में रकम जमा करना होता है
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ब्याज दर तय होती है
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समय अवधि 7 दिन से 10 साल तक हो सकती है
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मैच्योरिटी पर मूलधन + ब्याज वापस मिलता है
RD (Recurring Deposit) क्या होता है?
RD यानी Recurring Deposit में आप हर महीने एक तय राशि जमा करते हैं और समय पूरा होने पर ब्याज के साथ पूरा पैसा मिलता है।
मुख्य विशेषताएं:
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हर महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है
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निवेश की आदत विकसित होती है
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समय अवधि 6 महीने से 10 साल तक हो सकती है
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ब्याज दर FD जैसी ही होती है
RD और FD में मुख्य अंतर
बिंदु | FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) | RD (रिकरिंग डिपॉजिट) |
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निवेश का तरीका | एक बार में बड़ी रकम जमा | हर महीने छोटी-छोटी राशि जमा |
ब्याज दर | आमतौर पर थोड़ा ज़्यादा | FD के बराबर या थोड़ा कम |
निवेश की लचीलापन | एकमुश्त, ज्यादा कंट्रोल | अनुशासनिक, कम फ्लेक्सिबल |
ब्याज की गणना | पूरे अमाउंट पर एक साथ | हर माह की किस्त पर अलग-अलग |
टैक्स लाभ | 5 साल की FD पर टैक्स छूट | कोई विशेष टैक्स लाभ नहीं |
मैच्योरिटी पर पैसा | पूरा ब्याज + मूलधन एक साथ | धीरे-धीरे ब्याज जुड़ता है |
आदत बनती है | सेविंग के लिए प्लानिंग चाहिए | नियमित सेविंग की आदत बनती है |
आपके लिए कौन बेहतर है – FD या RD?
यह पूरी तरह आपकी ज़रूरतों और वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।
FD को चुनें यदि:
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आपके पास एकमुश्त रकम है (₹50,000 या ₹1 लाख जैसी)
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आप चाहें कि ज्यादा ब्याज मिले
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आप लॉन्ग टर्म के लिए पैसा लॉक कर सकते हैं
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टैक्स सेविंग भी करना चाहते हैं (5 साल की FD पर)
RD को चुनें यदि:
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आपके पास हर महीने बचाने के लिए ₹1000–₹5000 जैसी राशि है
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आप निवेश की आदत बनाना चाहते हैं
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आप सैलरी या फिक्स इनकम से हैं
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आप धीरे-धीरे बचत से बड़ी रकम बनाना चाहते हैं
FD और RD – किसे ज्यादा ब्याज मिलता है?
FD को थोड़ा ज्यादा ब्याज मिलता है क्योंकि:
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पूरी राशि एक साथ जमा होती है
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ब्याज पूरे अमाउंट पर लगातार जुड़ता है
जबकि RD में हर महीने की राशि पर ब्याज अलग-अलग दिन से जुड़ता है, जिससे कुल रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है।
टैक्स का असर
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FD और RD दोनों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य (Taxable) होता है
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अगर साल भर में ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से ज्यादा ब्याज होता है, तो TDS कट सकता है
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Form 15G / 15H भरकर आप टैक्स कटौती से बच सकते हैं (अगर इनकम टैक्स स्लैब में नहीं हैं)
कब RD बेहतर साबित हो सकती है?
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जब आप नौकरी शुरू कर रहे हों
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जब बड़ी रकम नहीं है लेकिन सिस्टमैटिक सेविंग करना चाहते हैं
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जब आप एक गोल (जैसे छुट्टी, गिफ्ट, त्योहार) के लिए पैसा इकट्ठा करना चाहें
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जब आप रिस्क नहीं लेना चाहते (बाजार से दूर रहना चाहें)
कब FD बेहतर साबित होती है?
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जब आप के पास इनहेरिटेंस, बोनस या सेविंग के रूप में मोटी रकम हो
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जब आप टैक्स बचाना चाहें (Tax-saving FD)
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जब आप चाहते हों कि फिक्स इनकम आए (Monthly Payout विकल्प से)
निष्कर्ष
FD और RD दोनों ही सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल करने का तरीका और उद्देश्य अलग है।
| यदि आपके पास मोटी रकम है → FD बेहतर विकल्प है
| यदि आप धीरे-धीरे पैसा जोड़ना चाहते हैं → RD आपकी मदद करेगा