जीवन अनिश्चितताओं से भरा है – नौकरी चली जाए, अचानक मेडिकल खर्च आ जाए या फिर कोई पारिवारिक आपात स्थिति। ऐसे वक्त में Emergency Fund आपकी सबसे बड़ी आर्थिक ढाल बनता है।
लेकिन सवाल यह है:
इमरजेंसी फंड क्या होता है, क्यों ज़रूरी है, कितना होना चाहिए और कैसे बनाएं?
इस लेख में जानते हैं इन सभी सवालों के स्पष्ट और आसान जवाब।
Emergency Fund क्या होता है?
Emergency Fund एक ऐसा फंड होता है जो केवल आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल किया जाता है – जैसे:
-
नौकरी जाना
-
अचानक मेडिकल खर्च
-
परिवार में आकस्मिक घटना
-
कार या घर की जरूरी रिपेयरिंग
इस फंड को आप रोजमर्रा की ज़रूरतों या खर्चों के लिए नहीं छूते, बल्कि इसे केवल संकट के समय के लिए बचाकर रखते हैं।
क्यों ज़रूरी है Emergency Fund?
1. आर्थिक सुरक्षा
यह फंड आपको मुश्किल वक्त में कर्ज लेने से बचाता है।
2. मानसिक शांति
जब आप जानते हैं कि किसी भी आपात स्थिति में आपके पास बैकअप है, तो चिंता कम होती है।
3. कर्ज से दूरी
Emergency Fund न होने पर लोग क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं, जिस पर भारी ब्याज देना पड़ता है।
4. निवेश सुरक्षित रहता है
आपको अपने Mutual Funds या SIP बीच में तोड़ने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
Emergency Fund कितना होना चाहिए?
thumb rule:
आपकी 6 महीने की बेसिक मासिक ज़रूरतों के बराबर
Step-by-step निकालें:
-
हर महीने का खर्च निकालें:
-
किराया / लोन EMI
-
राशन, बिजली, बच्चों की फीस
-
मेडिकल खर्च, यात्रा आदि
मान लीजिए यह कुल ₹30,000/month है
-
-
Emergency Fund = ₹30,000 × 6 = ₹1.8 लाख
अगर आप फ्रीलांसर या बिज़नेस करते हैं, तो यह 9–12 महीने के खर्च जितना होना चाहिए।
Emergency Fund कैसे बनाएं?
Step 1: गोल तय करें
पहले जान लें कि आपको कितनी राशि इकट्ठा करनी है – ₹1.5 लाख? ₹3 लाख?
Step 2: अलग खाता बनाएं
Emergency Fund को अपने रेगुलर सेविंग अकाउंट से अलग रखें, ताकि आप अनजाने में खर्च न कर दें।
Step 3: हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करें
जैसे SIP में निवेश करते हैं, वैसे ही हर महीने ₹2,000–₹5,000 अलग रखें।
Step 4: लिक्विड और सेफ जगह रखें
इमरजेंसी फंड को ऐसी जगह रखें जहां से:
-
तुरंत निकाला जा सके
-
पैसे सुरक्षित रहें
-
थोड़ा-बहुत ब्याज भी मिले
उदाहरण:
-
सेविंग अकाउंट
-
फिक्स्ड डिपॉजिट (with premature withdrawal option)
-
लिक्विड म्यूचुअल फंड
Step 5: धीरे-धीरे बढ़ाएं
हर साल या सैलरी बढ़ने पर Emergency Fund को भी अपडेट करें।
Emergency Fund कहाँ न रखें?
-
स्टॉक मार्केट में नहीं – वहां पैसे लॉक हो सकते हैं और रिस्क ज़्यादा होता है
-
लॉन्ग टर्म FD या PPF में नहीं – तुरंत पैसा निकालना मुश्किल
-
कम ब्याज वाले चालू खातों में नहीं – बहुत कम ब्याज मिलेगा
Emergency Fund vs Saving
बिंदु | Emergency Fund | General Saving |
---|---|---|
उद्देश्य | सिर्फ आपात स्थिति के लिए | किसी भी खर्च के लिए |
निकासी | जब बहुत जरूरी हो तभी | कभी भी |
स्थान | सेफ और लिक्विड निवेश जैसे FD, लिक्विड फंड | सेविंग अकाउंट, RD, म्यूचुअल फंड आदि |
भावनात्मक दृष्टि | सुरक्षा और आत्मविश्वास देता है | सामान्य खर्च को कवर करता है |
Emergency Fund का इस्तेमाल कब करें?
-
नौकरी चली जाए या इनकम बंद हो जाए
-
गंभीर बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी
-
जरूरी घरेलू रिपेयर या अप्रत्याशित खर्च
-
प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति
इसे नए फोन या वेकेशन पर खर्च न करें।
निष्कर्ष
Emergency Fund एक ऐसा छोटा कदम है जो आपको बड़े संकट में बहुत बड़ा सहारा देता है।
अगर आपने अब तक ऐसा कोई फंड नहीं बनाया है, तो आज से ही शुरुआत करें।