आज के दौर में EMI (Easy Monthly Installment) एक आम शब्द बन चुका है। मोबाइल से लेकर मकान तक, हर चीज़ को EMI पर लिया जा सकता है। लेकिन अगर EMI को सही से प्लान नहीं किया जाए, तो यह आपकी पूरी फाइनेंशियल लाइफ को अस्थिर कर सकता है।
इस लेख में जानिए कि EMI को स्मार्ट तरीके से कैसे प्लान करें ताकि आपका मासिक बजट ना बिगड़े और आप मानसिक शांति के साथ अपनी ज़िंदगी जी सकें।
1. EMI समझिए – सिर्फ “किश्त” नहीं, ज़िम्मेदारी है
EMI का मतलब है, किसी लोन को हर महीने एक तयशुदा राशि में चुकाना। इसमें ब्याज और मूलधन (Principal) दोनों शामिल होते हैं।
उदाहरण:
अगर आपने ₹50,000 का मोबाइल 12 महीनों के लिए EMI पर लिया है और ब्याज 10% है, तो हर महीने ₹4,400 (लगभग) EMI बनती है।
अब सोचिए — यही प्रक्रिया अगर कई चीज़ों पर हो जाए तो?
इसलिए EMI से पहले सोचिए।
2. EMI आपकी आय का कितना हिस्सा होनी चाहिए?
✅ Thumb Rule:
आपकी कुल मासिक आय का 30% से ज़्यादा EMI में नहीं जाना चाहिए।
उदाहरण:
अगर आपकी Net Income ₹30,000 है, तो आपकी EMI ₹9,000 से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए।
यदि आप 50-60% तक EMI में डालते हैं, तो बाकी खर्चों (जैसे किराया, राशन, बिजली, दवा, बच्चों की फीस) में परेशानी आ सकती है।
3. Budget बनाएं – EMI को उसमें Fit करें
हर महीने की शुरुआत में Income vs Expenses का एक प्लान बनाएं।
खर्च का प्रकार | अनुमानित राशि (₹) |
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किराया/बिजली/पानी | 8,000 |
खाना/राशन | 5,000 |
बच्चों की फीस | 3,000 |
यात्रा/पेट्रोल | 2,000 |
EMI | 6,000 |
सेविंग्स | 3,000 |
अन्य खर्च | 3,000 |
इससे आपको पता चलेगा कि EMI लेने के बाद कितना बचेगा और कहां कटौती की जरूरत है।
4. EMI लेने से पहले ये 5 बातें सोचें
1. क्या ये ज़रूरत है या चाहत?
– मोबाइल, बाइक या फ्रिज – क्या ये तुरंत ज़रूरी है या कुछ महीने रुक सकते हैं?
2. क्या आप समय पर चुका पाएंगे?
– अगर कोई नौकरी चली जाए या मेडिकल इमरजेंसी आ जाए, तो क्या आप EMI संभाल पाएंगे?
3. क्या कोई Interest-Free Option है?
– कई कंपनियां Zero Cost EMI देती हैं – जरूर जांचें।
4. Hidden Charges हैं क्या?
– प्रोसेसिंग फीस, GST, Penalty आदि की जानकारी पहले से लें।
5. लोन की अवधि क्या सही है?
– कम समय में EMI ज्यादा होती है, लेकिन कुल ब्याज कम लगता है।
– ज्यादा समय में EMI कम, लेकिन ब्याज ज्यादा।
5. Emergency Fund ज़रूर बनाएं
कभी भी EMI शुरू करने से पहले 2–3 महीने की EMI के बराबर Emergency Savings रखें।
अगर अचानक नौकरी चली जाए या कोई समस्या आए तो आप डिफॉल्ट नहीं करेंगे।
6. Auto-Debit का इस्तेमाल करें
EMI समय पर कट जाए इसके लिए बैंक से Auto-Debit या ECS सेट करें। इससे:
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लेट फीस से बचेंगे
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क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा
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भूलने की चिंता नहीं रहेगी
7. Unnecessary EMI से बचें
EMI के नाम पर ये न करें:
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खाना ऑर्डर करने के लिए Pay Later
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कपड़े या जूते 3 महीने की EMI में
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बार-बार मोबाइल या गैजेट बदलना
याद रखें: EMI आराम है, लेकिन अगर ज्यादा हो जाए तो बोझ बन जाती है।
8. Pre-Payment की सुविधा का उपयोग करें
अगर आपको बोनस, गिफ्ट या एक्स्ट्रा इनकम मिलती है तो आप लोन का कुछ हिस्सा पहले चुका सकते हैं।
इससे फायदा:
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EMI अवधि घटेगी
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कुल ब्याज कम लगेगा
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मानसिक राहत मिलेगी
9. Credit Score का ध्यान रखें
अगर EMI मिस होती है तो आपकी Credit History खराब होती है। इससे भविष्य में:
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लोन मिलना मुश्किल हो सकता है
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ब्याज दर ज्यादा लग सकती है
समय पर EMI चुकाना = अच्छा Credit Score
10. EMI प्लान करने के लिए बेस्ट Tools/Apps
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Google Sheets या Excel
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ET Money / Walnut / Money View जैसे बजट ट्रैकिंग ऐप्स
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EMI Calculator App (Android/iOS पर Free)
इनकी मदद से आप आसानी से प्लान बना सकते हैं।
EMI एक सुविधाजनक विकल्प है, लेकिन तभी जब उसकी प्लानिंग सही हो।
अगर आपने अपनी आय, खर्च और जरूरतों को समझकर EMI ली है, तो यह आपके जीवन को बेहतर बना सकती है।
पर अगर बिना सोच-समझ के कई EMI लेने लगें, तो यही सुविधा धीरे-धीरे Stress और Debt Trap बन सकती है।